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Citizenship Amendment Act CAA Row: देश के इन राज्यों में लागू नहीं होगा CAA, जानिए क्या है वजह नागरिकता कानून लागू होने के बाद फिर शुरू हुआ विवाद

संवाददाता -: अरुण कुमार मंडल

CAA Row: सरकार की तरफ से बताया गया है कि नागरिकता कानून के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए लोगों को सीएए के तहत नागरिकता दी जाएगी. हालांकि इसमें मुस्लिम शामिल नहीं हैं.

Citizenship Amendment Act: केंद्र सरकार की तरफ से नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लागू कर दिया गया है. सरकार की तरफ से इसे नोटिफाई किया गया, जिसके बाद देशभर में सीएए लागू हो गया. इस कानून के तहत भारत के पड़ोसी देशों से आए गैर मुस्लिम नागरिकों को भारत की नागरिकता दी जाएगी. सीएए को लेकर कई सालों से विवाद चल रहा था, जिसके बाद अब लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इसे लागू किया गया है. हालांकि देश के कुछ ऐसे राज्य भी हैं, जिन्हें सीएए से बाहर रखा गया है.

क्या है सीएए?
सबसे पहले आप ये जान लीजिए कि आखिर ये सीएए है क्या... पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए सीएए लाया गया है. इसमें हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता मिल सकती है. हालांकि मुस्लिमों को इससे बाहर रखा गया ह, जिसे लेकर पिछले लंबे समय से विवाद है और कई लोग इसका विरोध कर रहे हैं. सरकार की तरफ से बताया गया है कि 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए लोगों को सीएए के तहत नागरिकता दी जाएगी. पहले भारत में रहने के 11 साल पूरे होने के बाद ही नागरिकता दी जाती थी, लेकिन अब सीएए के तहत इसे पांच साल कर दिया गया है.

कहां लागू नहीं होगा सीएए?
द हिंदू की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि नॉर्थ-ईस्ट की ज्यादातर जगहों को नागरिकता कानून से बाहर रखा गया है. संविधान की छठी अनुसूची के तहत आने वाले राज्यों और इलाकों में सीएए का कोई असर नहीं दिखेगा. यानी इन जगहों पर अगर कोई शरणार्थी है तो वो नागरिकता नहीं ले सकता है. इनमें अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नगालैंड और मणिपुर जैसे राज्य शामिल हैं.

फिलहाल केंद्र सरकार की तरफ से लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सीएए को लागू कर दिया गया है, इसे लेकर एक बार फिर विवाद भी शुरू हो चुका है. विपक्षी दलों ने कहा है कि ऐसा कानून भारत में लागू करना ठीक नहीं है. वहीं पश्चिम बंगाल और केरल जैसे राज्यों ने सीएए को लागू करने से इनकार किया है.

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